10 Tough Questions to China

चीन को 10 कड़े सवाल : 
कोरोना वायरस के पीछे चीनी FUNDA
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10 Tough Questions to China:
1) Where the whole world is being affected by this, why did it not spread anywhere in China except Wuhan? How did China's capital remain untouched by this?
2) Why did China hide from the whole world about the virus?
3) Why destroyed the initial sample of Corona?
4) Why did the doctor and the journalist who brought it up be silenced? Has the journalist been disappeared?
5) When other countries of the world asked to share information, why did they not share the information? Why refuse
6) Why was the Communist Director of WHO used to hide the corona from human to human? What were the directors of WHO doing in Beijing in January?
7) Why did the WHO keep tweeting till 11 January that there is no need to issue any guideline for any international flight as it does not spread from human to human? Today it is proved that corona spreads from human to human, so why did the WHO lie?
8) Why were 5 million people sent to different parts of the world without medical examination from Wuhan? There was a minor case in Italy until 6 February. Sudden Chinese 'We are Chinese, not viruses. Give us a hug. ' Why did the world's tourists, known as 'City of Love', come with a placard to embrace the people of Italy?
9) Today the whole world is looking at China and WHO with suspicion and wonder that both China and WHO came to praise India on the same day! Is it a coincidence?
10) And on the very next day, the Chinese ambassador to India hopes by tweeting that in the international community. But why?
We have suffered the brunt of a mistake. This is the government, and it is expected that at least it will not repeat the mistake?
11) The meeting from SAARC to G-20 is being held at the behest of PM Modi. India has emerged as a world leader in times of crisis. Italy, Germany, Spain, France, Britain, America, while failing to deal with Carona
China takes advantage of this and wants India to remove its untouchability in the international community. Now this will not happen.

China is in doubt and will remain



1) जहां पूरी दुनिया इससे प्रभावित हो रही है, वहीं चीन में वुहान के अलावा यह क्यों कहीं नहीं फैला? चीन की राजधानी आखिर इससे अछूती कैसे रह गयी? 

2) प्रारंभिक अवस्था में चीन ने पूरी दुनिया से इस वायरस के बारे में क्यों छुपाया?

3)  कोरोना के प्रारंभिक सैंपल को नष्ट क्यों किया?

4) इसे सामने लाने वाले डॉक्टर और पत्रकार को खामोश क्यों किया? पत्रकार को तो गायब ही कर दिया गया है?

5)  दुनिया के अन्य देशों ने जब सूचना साझा करने को कहा तो उसने सूचना साझा क्यों नहीं किया? मना क्यों किया? 

6) कोरोना मानव से मानव में फैलता है, इसे छुपाने के लिए WHO  के कम्युनिस्ट निदेशक का उपयोग क्यों किया गया? WHO के निदेशक जनवरी में बीझिंग में क्या कर रहे थे? 

7) WHO  11 जनवरी तक यह ट्वीट क्यों करता रहा कि किसी भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लिए कोई गाइडलाइन जारी करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह मानव से मानव में नहीं फैलता है? आज साबित हो गया कि कोरोना मानव से मानव में फैलता है तो फिर WHO ने झूठ क्यों बोला?

8) वुहान से 50 लाख लोगों को बिना मेडिकल जांच के लिए दुनिया के अलग-अलग हिस्से में क्यों भेजा गया? इटली में 6 फरवरी तक मामूली केस था। एकाएक चीनी 'हम चीनी हैं वायरस नहीं। हमें गले लगाइए।' प्लेकार्ड के साथ दुनिया के पर्यटन स्थल 'सिटी ऑफ लव' के नाम से मशहूर इटली के लोगों को गले लगाने क्यों पहुंचे? 

9) पूरी दुनिया  आज चीन और WHO को संदेह की नजर से देख रही है और ताज्जुब देखिए कि एक ही दिन चीन और WHO, दोनों भारत की तारीफ में उतर आए! क्या यह महज संयोग है? 

10)  और इसके अगले ही दिन भारत में चीन के राजदूत ट्वीट कर उम्मीद करते हैं कि भारत इंटरनेशनल कम्युनिटी में उसकी पैरवी करे। आखिर क्यों?  
एक गलती का खामियाजा हम भुगत चुके हैं। यह सरकार है, और उम्मीद है वह कम से कम वह गलती तो नहीं ही दोहराएगी? 

11) सार्क से लेकर G-20 तक की बैठक पीएम मोदी के कहने पर हो रही है‌। संकट के समय भारत वर्ल्ड लीडर के रूप में उभरा है। इटली, जर्मनी, स्पेन, फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका तक जब कैरोना से निबटने में असफल हो रहे हैं 
चीन इसी का फायदा उठाकर यह चाहता है कि भारत इंटरनेशनल कम्युनिटी में उसके अछूतपन को दूर करे। अब यह नहीं होगा।  

चीन संदेह के घेरे में है और रहेगा!




कोरोना वायरस के पीछे चीनी FUNDA
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 दुनिया पर हावी होने का तरीका ??

 चीनी रणनीति:-

 1. सबसे पहले एक वायरस और उसकी दवा बनाई।

 2. फिर वायरस फैलाया।

 3. अपनी दक्षता का प्रदर्शन करते हुए रातों- रात अस्पतालों का निर्माण करवा लिया (आखिरकार वे पहले से ही तैयार थे) परियोजनाओं के साथ साथ उपकरण का आदेश देना, श्रम, पानी और सीवेज नेटवर्क को किराए पर लेना, पूर्वनिर्मित निर्माण सामग्री और एक प्रभावशाली मात्रा में स्टॉक.. यह सब उस रणनीति का हिस्सा थे।

 4. परिणामस्वरूप दुनिया में वायरस के साथ साथ अराजकता फैलने लगी, खास कर के यूरोप में।

 5. दर्जनों देशों की अर्थव्यवस्था त्वरित रूप से प्रभावित हुई।

 6. अन्य देशों के कारखानों में उत्पादन लाइनें बंद हो गई।

 7. फलस्वरूप शेयर बाजार में ज़बरदस्त गिरावट।

 8. चीन ने अपने देश में महामारी को जल्दी से नियंत्रित कर लिया। रातों रात वुहान से कोरोना के नए मरीज मिलना बन्द ही हो गए। यह कैसे सम्भव है जबकि इटली जैसा देश इस स्थिति को नहीं सम्भाल पर रहा है। आखिरकार, चीन पहले से ही तैयार था।

 9. परिणाम स्वरूप उन वस्तुओं की कीमत कम हो गई, जिनसे वह बड़े पैमाने पर तेल आदि खरीदता हैं।

 10. फिर चीन तुरन्त ही उत्पादन करने के लिए वापस जुट गया, जबकि दुनिया एक ठहराव पर है। जहां एक ओर दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है, वहीं चीन ने अपनी फैक्ट्रियों में काम शुरू करवा दिया है? चीन उन चीजों को खरीदने लगा जिनकी कीमत में भारी गिरावट हो गई थी और उनको बेचने लगा जिनकी कीमत में ज़बरदस्त इजाफा हुआ है।


अब यदि विश्वास ना हो रहा हो तो...
1999 में, चीनी उपनिवेशों किआओ लियांग और वांग जियांगसुई के द्वारा लिखी गई पुस्तक, "अप्रतिबंधित युद्ध: अमेरिका को नष्ट करने के लिए चीन का मास्टर प्लान" को पढ़ लें!!* ये सब तथ्य वहाँ मौजूद है।

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ज़रा इस बारे में सोचिए...

 कैसे रूस और उत्तर कोरिया कोविड 19 याने कोरोना से पूरी तरह से मुक्त हैं? क्योंकि वे चीन के कट्टर सहयोगी हैं।  इन 2 देशों से एक भी मामले की सूचना नहीं मिली।  दूसरी ओर दक्षिण कोरिया / यूनाइटेड किंगडम / इटली / स्पेन और एशिया गंभीर रूप से प्रभावित हैं। क्योंकि ये सब चीन के प्रतिस्पर्धी है..

कैसे हुआ वुहान अचानक घातक वायरस से मुक्त?

चीन यह कहेगा कि उनके प्रारंभिक उपाय बहुत कठोर थे और वुहान को अन्य क्षेत्रों में फैलाने के लिए बंद याने लोकडाउन कर दिया गया था। परन्तु ये जवाब बड़ा ही  मजाकिया है..ऐसा होता तो बाकी के देशों में भी यह इतना नहीं फैलता और एक शहर तक ही सीमित रहता। यह 100% सत्य है कि वे वायरस के एंटी डोड का उपयोग कर रहे हैं।

 बीजिंग में कोई क्यों नहीं मारा गया? केवल वुहान ही क्यों?  दिलचस्प विचार है ये ...खैर, वुहान अब व्यापार के लिए खुल गया है। अमेरिका और उपर्युक्त सभी देश आर्थिक रूप से तबाह हैं।  जल्द ही अमेरिकी अर्थव्यवस्था चीन की योजना के अनुसार ढह जाएगी।  चीन जानता है कि वह अमेरिका को सैन्य रूप से नहीं हरा सकता क्योंकि वर्तमान में इस हिसाब से अमरीका विश्व में सबसे बड़ा ताकतवर देश है।

तो यह है चीन का विश्व विजय फार्मूला...वायरस का उपयोग करें दूसरे देशों की अर्थव्यवस्था और रक्षा क्षमताओं को पंगु बनाने के लिए। निश्चित ही नैन्सी पेलोसी को इसमें एक सहायक बनाया गया था कारण था ट्रम्प को टक्कर देने के लिए। राष्ट्रपति ट्रम्प हमेशा यह बताते रहे है कि कैसे ग्रेट अमेरिकन अर्थव्यवस्था सभी मोर्चों में सुधार कर रही है।  AMERICA GREAT AGAIN बनाने की उनकी दृष्टि को नष्ट करने का एकमात्र तरीका आर्थिक तबाही था।  नैन्सी पेलोसी ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग लाने में असमर्थ थी।  .... इसलिए चीन के साथ मिलकर एक वायरस जारी करके ट्रम्प को नष्ट करने का यह तरीका उन्होंने अपनाया। वुहान तो महामारी का सिर्फ एक प्रदर्शन था...अब ये वायरस महामारी को चरम पर ले जा चुका है!!!

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग उन प्रभावी क्षेत्रों का दौरा करने के लिए बस एक साधारण RM1 फेसमास्क पहन कर पहुंचे थे राष्ट्रपति के रूप में उन्हें सिर से पैर तक ढंका जाना चाहिए ..... लेकिन ऐसा नहीं था।  वायरस से किसी भी तरह के नुकसान का विरोध करने के लिए उन्हें पहले ही इंजेक्शन लगाया गया था। इसका मतलब है कि वायरस के निकलने से पहले ही उसका इलाज चल रहा था।

अब यदि आप तर्क दें कि - बिल गेट्स ने पहले ही 2015 में एक वायरस फैलने की भविष्यवाणी कर दी थी ... इसलिए चीनी एजेंडा सच नहीं हो सकता।  तो उत्तर है- हाँ, बिल गेट्स ने भविष्यवाणी की थी लेकिन वह भविष्यवाणी एक वास्तविक वायरस के प्रकोप पर आधारित थी ना की मानव जनित। अब चीन यह भी बता रहा है कि वायरस का पहले से ही अनुमान था ताकि इसका एजेंडा उस भविष्यवाणी से मेल खा सके और सब कुछ प्राकृतिक या स्वतः प्रकिया लगे। अभी भी यदि यह प्रमाणिक तथ्य आपको बनावटी लगता है तो आगे स्वयं देखियेगा... चीन का अगला कदम गिरती हुई आर्थिक अर्थव्यवस्था के कगार का सामना करने वाले देशों से अब स्टॉक खरीद कर विश्व अर्थव्यवस्था को अपने नियंत्रण में करना होगा...  बाद में चीन यह घोषणा करेगा कि उनके मेडिकल शोधकर्ताओं ने वायरस को नष्ट करने का इलाज ढूंढ लिया है।
अब चीन के पास अपनी सेनाओं के शस्त्रागारों में अन्य देशों के स्टॉक हैं और ये देश जल्द ही मजबूरी में अपने मालिक के गुलाम होंगे !!

और हां, एक बात और...
जिस चीनी डॉक्टर ने इस वायरस का खुलासा किया था, वह भी चीनी अधिकारियों द्वारा हमेशा के लिए खामोश कर दिया गया....
विचारणीय
🤔🤔🤔

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