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प्रार्थना-पत्र
सेवा में , 
            श्रीमति पत्नी देवी जी !
महोदया ! 
              जैसा कि आपको विदित है कि दिनांक 1/2 मार्च को होली का त्यौहार है 
        इस त्यौहार पर मेरे पियक्कड़ दोस्त मेरे साथ होली खेलने आयेंगे ही । आपकी अनुकम्पा से ही मैं दारू पीकर उनके साथ होली खेल सकता हूँ । 
        
अतः प्रार्थना है कि अपना दुर्गा व काली का रूप त्याग कर लक्ष्मी व सरस्वती बनकर मुझ पर कृपा बरसाते हुए चार बोतल दारू खरीदने व खुलकर पीने की अनुमति देने की कृपा करें ।

         
आपका सेवक/निरीह प्राणी
                    
आपका पति ।

( बुरा ना मानो. होली है. ,)

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