Jago Agarwal brothers wake up जागो अग्रवाल भाईयों जागो !!!🖊

जागो अग्रवाल भाईयों जागो !!!🖊

✍कहने को अग्रवाल,
नगर सेठ कहलाता है !
पर उसका हर 1-1 पैसा ,
दिखावेबाजी पर जाता है !

जन्म से लेकर मृत्यु तक,                    
पैसे की होली है !
देना,लेना अच्छा करना है, 
समाज में नहीं तो,ठिठोली है!

अग्रवाल के घर,जिस दिन,
से सगाई हो जाती है !
उस दिन से, पैसे की होली,
वहीं शुरू हो जाती है !

बेटी का बाप,सगाई के लड्डू, 
बनारस से मंगवाता है !
मेवा ज्यादा डालना भैया, 
समाज में बांटा जाता है !

सारी बहू,बेटियां घर की ,
शॉपिंग में लग जाती है !
अलमारी में टंगी साड़ियां,
'आउट डेटेड' कहलाती है !

समाज की बहूरानियो को, 
gk की नहीं जानकारी है !
उससे क्या होता है उनका, 
'डायमंड नेकलेस' भारी है!

हर मोटी आंटी की साड़ी ,
रहती हजारों वाली है !
'बिंदी' चाहे दिखे नहीं पर ,
रहती 'स्टोन' वाली है !

पार्लर में कहती है जाकर, 
'गोल्ड फेसिअल'करवाना है !
एड़िया चाहे फटी हुई हो पर, 
उनको थोड़ी दिखाना है !

गहने कपडे़ पार्लर में घर का,
जितना खर्च हो जाता है !
उतने में दूसरे समाज का,
सामूहिक -विवाह हो जाता है !

अग्रवालों  की दुल्हन बेटी, 
पार्लर में जितना दे आती है!
उतने में निर्धन की बेटी,      
अपने ससुराल चली जाती है !

बन्नी की माँ,कदम कदम ,
पर 'नेक' चुकाती जाती है !
वही घर की मामी,मौसिया.
'लिफाफे'बदलती जाती है !

घर के बहुए ननदों को,            
जो 'पगा-लाग्नि' देती है !
बच्चों को बुआ हाथो में ,     
वही लिफाफा देती है !

अपनी पार्टी में इंडिया का,
हर फेमस,आइटम होता है !
चाहे घर का आधा मेंबर ,
शुगर पेशेंट होता है !

मीठा,नमकीन हर आइटम, 
का इतना मेला होता है !
कहाँ पर क्या लगा होता है,
किसी को पता नहीं होता है!

जितने में सैकड़ों गरीबों का ,
रात्रि डिनर हो जाता है !
उतना खाना तो सेठजी ,
का फेंकने में चला जाता है !

शादी के कार्ड का खर्चा ,
कपड़ो जितना होता है !
मिठाई से भी महंगा,        
मिठाई का डिब्बा होता है !

जहाँ हमारी शादी में लाखों ,
का टर्न ओवर हो जाता है !
वही पंडित 10-20 के लिए,
'ॐ स्वाहा' जोर शोर से चिल्लाता है !

शादी के बाद जब खर्च के, 
बिल का नंबर आता है !
टेंशन से भाईसाहब का ,               
bp हाई हो जाता है !

जैसे ही बहुरानी ने दादी ,
बनने के खबर सुनाई है !
क्या देना है, क्या लेना है,
ये चिंता घिर आई है !

बहुरानी के मायके में भी,
तैयारिया शुरू हो जाती है !
लड़का होगा या लड़की , 
सोचकर शॉपिंग रुक जाती है !

'पगलिये' का क्या करना है,
नाना-नानी से कहते है !
कहाँ कम करे,कहाँ ज्यादा ,
अक्सर ये 'डिस्कस' करते है!

दोयतेको पहलीबार समधीके,
घर जब भी देखने जाउंगा !
हाथो हाथ 10 ग्राम की गिन्नी,
वही खड़े खडे दे आऊंगा !

'जलवे'में,अभी देरी है तुम,
चैन-अंगूठी, ले आना !
इनको कुछ हल्का करना,
नजरिया भारी बनवाना !

मुन्ना क्या चैन अंगूठी पहनेगा,
ये बात सोचने वाली है !
अब आप सभी बताओ भाई, 
क्या ये नहीं दिखावे बाजी है !

जब ईश्वर ने अग्रवालों को,
'लक्ष्मी' का वरदान दिया है !
फिर क्यों हमने अपना ही नुकसान ,
कर दिखावे का सम्मान किया है!

'लक्ष्मी'के वरदान का अब ,
हमको नया 'धर्म' निभाना है !
भैया अपने हर खर्च को ,               
उचित राह पर ले जाना है !

समाज के हर व्यक्ति को ,
अब हमने आगे बढ़ाना है !
हर गरीब की बेटी की ,
अब शादी करवाना है !

जिस दिन हर व्यक्ति का जीवन,
शिक्षा चिकित्सा पूर्ण रहेगा !
उस दिन वास्तव मे अग्रवाल,
'लक्ष्मीका सम्मान' करेगा !

ए मेरे अग्रवाल भाई ,
अब तो थोडा जाग जाओ !
दिखावे पर मत जाओ ,
अपनी अक्ल लगाओ !!

🙏 🙏

अवश्य पढ़ें👆👆 जय जय श्री अग्रसेन




Jago Agarwal brothers wake up !!! 🖊

✍ Saying Agarwal,
The town is called Seth!
But every 1-1 of his money,
Appearance goes on!

From birth to death,
Money is Holi!
Give, take good,
If not in the society, it is a pity!

Agrawal's house, on which day,
Gets engaged!
From that day, Holi of money,
It starts right there!

Daughter's father, engagement laddoo,
Banaras is calling from
Brother
Is divided into society!

All the daughters-in-laws, daughters of the house
Shopping takes place!
Tangerine saris in the cupboard,
'Out Date' is called!

To the Bahuranis of society,
GK has no information!
What happens to him,
'Diamond Necklace' is heavy!

Every thick aunt sari,
Hundreds of thousands live!
'Bindi' does not appear, however,
Living Stone is like!

Going to the parlor,
'Gold fascial' is ready!
Whether or not they are torn,
They have to show a little!

Homeowner in jewelry clothes parlor
How much is spent!
In other than the other society,
The group gets married!

The bride's bride daughter,
The more you pay in the parlor!
The daughter of poor,
Your in-laws go away!

Boney's mother, step step,
But 'good' is paying!
Mummy of the same house, Maucia.
'Envelopes' changes!

Many houses of the house,
What is 'Pagla-Lagni'!
In the children's hands,
That gives the envelope!

India in your party,
Every fame, the item is!
Whether half of the house,
Sugar is a patient!

Sweet, salty, every item,
That's so fair!
Where is the place,
Nobody knows!

As many as hundreds of poor,
Dinner gets dinner!
So much food, Sethji,
Goes into throwing!

Wedding card expense,
Wear!
Even more expensive than sweets,
A sweet box!

Where in our marriage millions,
Turns Over!
For the same Pandit 10-20,
'Swaha' loudly shouts!

After the wedding, when spending,
Bill's number comes!
From tension to brother-in-law,
bp gets high!

As soon as Bahurani got her grandmother,
News has been created!
What to give, what to take,
This worry has come!

Even in the maiden of Bahurani,
Preparation begins!
Boy or girl
Shopping stops thinking!

What to do with 'Pagalai'
Nana-nani says!
Where to reduce, where more,
Often these 'discus' do!

For the first time,
I will go home whenever I see!
Hand grip of 10 grams of hand,
I will stand the same standing!

In the waterway, you are still late,
Chain-ring, bring it!
Lighten them up,
Make the idea heavy!

Munna wore chain ring,
This thing is about to think!
Now tell me all brother,
Do not show that this is stupid!

When God called the agnates,
'Lakshmi' is a boon!
Then why do we have our own loss,
Have respected tax appearances!

Now, the gift of Lakshmi,
We have to do new 'Dharma'!
The brother spent all his expenses,
Take on the proper path!

To every person in the society,
Now we have to move forward!
Of every poor daughter,
Now get married!

On the day of every person's life,
Education will be full of education!
That day really Agarwal,
Lakshmika will respect!

A. My elder brother,
Now get a little bit awake!
Do not go on appearances,
Put your confidence !!

🙏 🙏

Be sure to read Jai Jai Shri Agrasen




जागो अग्रवाल भाईयों जागो !!!🖊

✍कहने को अग्रवाल,
नगर सेठ कहलाता है !
पर उसका हर 1-1 पैसा ,
दिखावेबाजी पर जाता है !

जन्म से लेकर मृत्यु तक,                 
पैसे की होली है !
देना,लेना अच्छा करना है,
समाज में नहीं तो,ठिठोली है!

अग्रवाल के घर,जिस दिन,
से सगाई हो जाती है !
उस दिन से, पैसे की होली,
वहीं शुरू हो जाती है !

बेटी का बाप,सगाई के लड्डू,
बनारस से मंगवाता है !
मेवा ज्यादा डालना भैया,
समाज में बांटा जाता है !

सारी बहू,बेटियां घर की ,
शॉपिंग में लग जाती है !
अलमारी में टंगी साड़ियां,
'आउट डेटेड' कहलाती है !

समाज की बहूरानियो को,
gk की नहीं जानकारी है !
उससे क्या होता है उनका,
'डायमंड नेकलेस' भारी है!

हर मोटी आंटी की साड़ी ,
रहती हजारों वाली है !
'बिंदी' चाहे दिखे नहीं पर ,
रहती 'स्टोन' वाली है !

पार्लर में कहती है जाकर,
'गोल्ड फेसिअल'करवाना है !
एड़िया चाहे फटी हुई हो पर,
उनको थोड़ी दिखाना है !

गहने कपडे़ पार्लर में घर का,
जितना खर्च हो जाता है !
उतने में दूसरे समाज का,
सामूहिक -विवाह हो जाता है !

अग्रवालों  की दुल्हन बेटी,
पार्लर में जितना दे आती है!
उतने में निर्धन की बेटी,   
अपने ससुराल चली जाती है !

बन्नी की माँ,कदम कदम ,
पर 'नेक' चुकाती जाती है !
वही घर की मामी,मौसिया.
'लिफाफे'बदलती जाती है !

घर के बहुए ननदों को,         
जो 'पगा-लाग्नि' देती है !
बच्चों को बुआ हाथो में , 
वही लिफाफा देती है !

अपनी पार्टी में इंडिया का,
हर फेमस,आइटम होता है !
चाहे घर का आधा मेंबर ,
शुगर पेशेंट होता है !

मीठा,नमकीन हर आइटम,
का इतना मेला होता है !
कहाँ पर क्या लगा होता है,
किसी को पता नहीं होता है!

जितने में सैकड़ों गरीबों का ,
रात्रि डिनर हो जाता है !
उतना खाना तो सेठजी ,
का फेंकने में चला जाता है !

शादी के कार्ड का खर्चा ,
कपड़ो जितना होता है !
मिठाई से भी महंगा,     
मिठाई का डिब्बा होता है !

जहाँ हमारी शादी में लाखों ,
का टर्न ओवर हो जाता है !
वही पंडित 10-20 के लिए,
'ॐ स्वाहा' जोर शोर से चिल्लाता है !

शादी के बाद जब खर्च के,
बिल का नंबर आता है !
टेंशन से भाईसाहब का ,           
bp हाई हो जाता है !

जैसे ही बहुरानी ने दादी ,
बनने के खबर सुनाई है !
क्या देना है, क्या लेना है,
ये चिंता घिर आई है !

बहुरानी के मायके में भी,
तैयारिया शुरू हो जाती है !
लड़का होगा या लड़की ,
सोचकर शॉपिंग रुक जाती है !

'पगलिये' का क्या करना है,
नाना-नानी से कहते है !
कहाँ कम करे,कहाँ ज्यादा ,
अक्सर ये 'डिस्कस' करते है!

दोयतेको पहलीबार समधीके,
घर जब भी देखने जाउंगा !
हाथो हाथ 10 ग्राम की गिन्नी,
वही खड़े खडे दे आऊंगा !

'जलवे'में,अभी देरी है तुम,
चैन-अंगूठी, ले आना !
इनको कुछ हल्का करना,
नजरिया भारी बनवाना !

मुन्ना क्या चैन अंगूठी पहनेगा,
ये बात सोचने वाली है !
अब आप सभी बताओ भाई,
क्या ये नहीं दिखावे बाजी है !

जब ईश्वर ने अग्रवालों को,
'लक्ष्मी' का वरदान दिया है !
फिर क्यों हमने अपना ही नुकसान ,
कर दिखावे का सम्मान किया है!

'लक्ष्मी'के वरदान का अब ,
हमको नया 'धर्म' निभाना है !
भैया अपने हर खर्च को ,           
उचित राह पर ले जाना है !

समाज के हर व्यक्ति को ,
अब हमने आगे बढ़ाना है !
हर गरीब की बेटी की ,
अब शादी करवाना है !

जिस दिन हर व्यक्ति का जीवन,
शिक्षा चिकित्सा पूर्ण रहेगा !
उस दिन वास्तव मे अग्रवाल,
'लक्ष्मीका सम्मान' करेगा !

ए मेरे अग्रवाल भाई ,
अब तो थोडा जाग जाओ !
दिखावे पर मत जाओ ,
अपनी अक्ल लगाओ !!

🙏 🙏

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Letter of a Son Son does job in America. His parents live in the village.

पुत्र अमेरिका में जॉब करता है। 
उसके माँ बाप गाँव में रहते हैं।
 बुजुर्ग हैं, बीमार हैं, लाचार हैं।
 पुत्र कुछ सहायता करने की बजाय पिता जी को एक पत्र लिखता है। कृपया ध्यान से पढ़ें और विचार करें कि किसको क्या लिखना चाहिए था ?

                         पुत्र का पत्र पिता के नाम

पूज्य पिताजी! 

आपके आशीर्वाद से
आपकी भावनाओं/इच्छाओं के अनुरूप मैं अमेरिका में व्यस्त हूं।
यहाँ पैसा, बंगला, साधन सब हैं
नहीं है तो केवलसमय। 

मैं आपसे मिलना चाहता हूं 
आपके पास बैठकर बातें करना चाहता हूँ। 
आपके दुख दर्द को बांटना चाहता हूँ 
परन्तु क्षेत्र की दूरी
बच्चों के अध्ययन की मजबूरी 
कार्यालय का काम करना जरूरी 
क्या करूँ? कैसे कहूँ? 
चाह कर भी स्वर्ग जैसी जन्म भूमि 
और माँ बाप के पास आ नहीं सकता। 

पिताजी।! 
मेरे पास अनेक सन्देश आते हैं - 
"माता-पिता सब कुछ बेचकर भी बच्चों को पढ़ाते हैं 
और बच्चेसबको छोड़ परदेस चले जाते हैं  
पुत्र, माता-पिता के किसी काम नहीं आते हैं। "

पर पिताजी 
मैं कहाँ जानता था
इंजीनियरिंग क्या होती है? 
मैं कहाँ जानता था कि पैसे की कीमत क्या होती है? 
मुझे कहाँ पता था कि अमेरिका कहाँ है ? 
मेरा कॉलेज, पैसा और अमेरिका तो बस
आपकी गोद ही थी न? 

आपने ही मंदिर न भेजकर स्कूल भेजा,
पाठशाला नहीं कोचिंग भेजा,
आपने अपने मन में दबी इच्छाओं को पूरा करने इंजीनियरिंग /पैसा /पद की कीमत,
गोद में बिठा बिठाकर सिखाई।

माँ ने भी दूध पिलाते हुये ,
मेरा राजा बेटा बड़ा आदमी बनेगा ,
गाड़ी बंगला होगा हवा में उड़ेगा ,
कहा था।
मेरी लौकिक उन्नति के लिए 
घी के दीपक जलाये थे।। 

मेरे पूज्य पिताजी! 
मैं बस आपसे इतना पूछना चाहता हूं कि
मैं आपकी सेवा नहीं कर पा रहा,
मैं बीमारी में दवा देने नहीं आ पा रहा,
मैं चाहकर भी पुत्र धर्म नहीं निभा पा रहा,
मैं हजारों किलोमीटर दूर 
बंगले में और आप,गाँव के उसी पुराने मकान में ,
क्या इसका सारा दोष सिर्फ़ मेरा है?

आपका पुत्र,
  **

अब यह फैंसला हर माँ बाप को करना है कि अपना पेट काट काट कर, दुनिया की हर तकलीफ सह कर, अपना सबकुछ बेचकर,बच्चों के सुंदर भविष्य के सपने क्या इसी दिन के लिये देखते हैं?
 क्या वास्तव में हम कोई गलती तो नहीं कर रहे हैं.....?
😔🙏
Son does job in America.
His parents live in the village.
 Elderly, sick, are helpless.
 Instead of giving some help, the son writes a letter to father. Please read carefully and think what was supposed to be written?

                         Father's name

Daddy!

With your blessing
I am busy in America, according to your feelings / desires.
There are money, bungalows, tools all here.
If not, only time.

I want to meet you
You want to sit down and talk.
Want to share your sadness pain
But the distance of the area
Compulsion of children's studies
Office work needs to be done
What to do? How to say
Even like heaven like birth land
And the mother can not come near the father.

Father.!
I have many messages -
"Parents also teach children by selling everything
And the children leave the house and go to Pardes
There is no work of son, parents. "

But papa
Where I knew
What is Engineering?
Where did I know what the cost of money is?
Where did I know where America is?
My college, money and America are just
Was not your lap?

You did not send the temple to the school,
No coaching sent to school
You have to pay for engineering / money / posting to fulfill the desires of your mind,
Taught by sitting in the lap

Mother also gave milk,
My king son will become a big man,
The carriage bungalow will fly in the air,
said.
For my cosmic progression
The ghee lamp was lit.

My dad!
I just want to ask you so much
I can not serve you,
I can not bring medicine in the disease,
I wish the son can not do the religion,
I'm thousands of kilometers away
In the bungalow and you, in the same old house of the village,
Is this all my fault?

Your son,
  **

Now, this fiance is to be done by every parent, that by cutting their belly, doing all the hardships in the world, by selling everything, seeing the dreams of children's beautiful future for this day?
 Are we really doing any mistake .....?
😔🙏
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But if we just Sit Around

It can be Insanely Frustrating. 
But if we just Sit Around and 
Wait for Motivation to Strike, 
We’ll get nothing Done. 
So, 
You need to Go in 
Search of it YourSelf.







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The Hardest Part is Making That very First Move

For When You Begin

Any New Endeavour can be 
Both Terrifying and Tricky, 
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The Hardest Part is Making 
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Dedicated to all my Friends

Many years ago, after I got married I was sitting on a couch on a hot, humid day, sipping frozen juice during a visit to my father.

As I talked about adult life, marriage, responsibilities, and obligations, my father thoughtfully stirred the ice cubes in his glass and cast a clear, sober look at me.

"Never forget your friends," he advised, "they will become more important as you get older."

"Regardless of how much you love your family and the children you happen to have, you will always need friends. 

Remember to go out with them occasionally, do activities with them, call them ..."

"What strange advice!" I Thought. "I just entered the married world, I am an adult and surely my wife and the family that we will start will be everything I need to make sense of my life."

Yet I obeyed him; Kept in touch with my friends and annually increased their number. Over the years, I became aware that my father knew what he was talking about.

In as much as time and nature carry out their designs and mysteries on a man, friends were the bulwarks of his life.

After 50 years of life, here is what I learned:

Time passes.
Life goes on.
The distance separates.
Children grow up.

Children cease to be children and become independent. 

And to the parents it breaks the heart but the children are separated of the parents.

Jobs come and go.

Illusions, desires, attraction, sex ... weaken.

People do not do what they should do.

The heart breaks.
The parents die.
Colleagues forget the favors.
The races are over.

But, true friends are always there, no matter how long or how many miles they are.

A friend is never more distant than the reach of a need, barring you, intervening in your favor, waiting for you with open arms or blessing your life.

When we started this adventure called LIFE, we did not know of the incredible joys or sorrows that were ahead. 

We did not know how much we would need from each other. Love your parents, take care of your children, but keep a group of good friends. Dialogue with them but do not impose your criteria. 

Dedicated to all my Friends....












कई साल पहले, शादी करने के बाद मैं एक गर्म, आर्द्र दिन पर एक सोफे पर बैठी थी, मेरे पिता की यात्रा के दौरान जमे हुए रस को पीता था।

जैसा कि मैंने वयस्क जीवन, विवाह, जिम्मेदारियों और दायित्वों के बारे में बात की, मेरे पिता ने सोच कर अपने ग्लास में बर्फ के क्यूब्स को उकसाया और मुझ पर एक स्पष्ट, शांत नजर डाली।

"अपने दोस्तों को कभी न भूलें," उन्होंने सलाह दी, "जैसे-जैसे आप बड़े हो जाते हैं, वे अधिक महत्वपूर्ण हो जाएंगे।"

"चाहे आप अपने परिवार और बच्चों को आपसे कितना प्यार करते हो, आपको हमेशा दोस्तों की ज़रूरत होगी

कभी-कभी उनके साथ बाहर जाना याद रखें, उनके साथ गतिविधियां करें, उन्हें कॉल करें ... "

"क्या अजीब सलाह!" मैंने सोचा। "मैं सिर्फ विवाहित संसार में प्रवेश कर चुका हूं, मैं एक वयस्क और निश्चित रूप से मेरी पत्नी और परिवार को शुरू कर दूंगा जो मुझे अपने जीवन की भावना बनाने की आवश्यकता है।"

फिर भी मैंने उसे पालन किया; अपने दोस्तों के साथ संपर्क में रखा और सालाना उनकी संख्या में वृद्धि हुई इन वर्षों में, मुझे पता चला कि मेरे पिता को पता था कि वह किस बारे में बात कर रहे थे।

जितना समय और प्रकृति एक आदमी पर अपने डिजाइनों और रहस्यों को पूरा करते हैं, दोस्तों में उनके जीवन के ढांचे थे।

50 साल के जीवन के बाद, यहां मैंने जो सीखा है:

समय गुजरता।
जिंदगी चलती रहती है।
दूरी अलग होती है
बच्चे बड़े होते हैं

बच्चे बच्चे होने और स्वतंत्र बनने के लिए संघर्ष करते हैं

और माता-पिता को दिल टूट जाता है लेकिन बच्चों को माता-पिता से अलग किया जाता है।

नौकरियां आती हैं और जाते हैं

भ्रम, इच्छाएं, आकर्षण, लिंग ... कमजोर

लोग ऐसा नहीं करते हैं कि उन्हें क्या करना चाहिए।

दिल टूटता है
माता-पिता मर जाते हैं
सहकर्मियों को एहसान भूल जाते हैं।
दौड़ खत्म हो गई हैं।

लेकिन, सच्चे दोस्त हमेशा वहां रहते हैं, चाहे कितना भी समय या कितने मील हो।

किसी मित्र की ज़रूरत की पहुंच से कहीं ज्यादा दूर नहीं, आपको छोड़कर, अपने पक्ष में हस्तक्षेप करना, खुली बाहों के साथ इंतजार करना या अपने जीवन का आशीर्वाद देना

जब हमने जीवन को बुलाया गया इस साहसिक कार्य को शुरू किया, तो हम अविश्वसनीय खुशियों या दुःखों के बारे में नहीं जानते थे जो आगे थे।

हमें नहीं पता था कि हमें एक-दूसरे से कितना आवश्यकता होगी अपने माता-पिता से प्यार करें, अपने बच्चों की देखभाल करें, लेकिन अच्छे दोस्तों के समूह को रखें। उनके साथ बातचीत करें लेकिन अपने मानदंडों को लागू नहीं करें


मेरे सभी दोस्तों के लिए समर्पित ...










Motivation

Have you ever thought what u've done till now in ur life ?

most of them would answer -No!

one day i was just sitting in my bedroom and i was thinking how life goes on ,how fast the time goes, how days passes by and we follow the same routine , the same life everyday... and that's why we fail to achieve,we just end up having nothing in our hands.

That day I was just observing things looking at my room, looking outside the room ,I was Seeing that everything changes with time ,but we have not changed ourselves.we never try new things ,new ideas ,we never try to follow new methods , we never think of doing something which we have never done before,i am not saying you to do something extra ordinary,but something you haven't done yet .

And then i thought ,let's try ,what i do not do usally in my daily routine.I started cleaning my room and you know what i found so many things ,which i was searching from past few days, woow i suddenly filled with joy,my room was clean and that feeling was seriously awesome..i started playing my favourite songs n just started dancing ,i was enjoying my own company,that day i realised you don't need anything to motivate ,you don't need anyone to make you feel happy,if you feel your life is becoming boring ,so just say to yourself let's try out what you usually don't do.. i can bet you will feel energetic,you will feel happy, you will learn so many new things ..

So,everyday just do a little new thing and after few days ,feel the difference in your life.. you will rock ...you will start enjoying each and every moment of your life ...

JUST TRY OUT!!




Click on Your Birth Month Link 
And 
Know What does your Birth Month 
Say About You ?




January -   
February -  
March -  
April - 
May -  
June -  

July -  
August -  

September -  

October -  


November -  
December - 

And 
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#Creative 
#Optimistic 
#curious  
#Amritsar  #Chandigarh 
#University 
#MassCommunication 
#Journalism

























Four newborn babies get mixed up in Maternity Ward



Four newborn babies get mixed up in Maternity Ward...

A German,
a Jew, 
a Paki 
and 
a Saudi. 

Nurse panics, but the Doctor looks extremely confident and says.. 
“Don't worry, I'll sort this out.”

 He shouts, "HAIL HITLER"! Instantly, the German salutes, the Jew shits in his diapers and the Saudi tells the Paki to clean the shit.

🤣🤣

How to Confuse Santa

How to Confuse Santa 

- Instead of milk and cookies, leave him a salad, and a note explaining that you think he could stand to lose a few pounds. 

- While he's in the house, go find his sleigh and write him a speeding ticket. 

- Leave him a note, explaining that you've gone away for the holidays. Ask if he would mind watering your plants. 

- While he's in the house, replace all his reindeer with exact replicas. Then wait and see what happens when he tries to get them to fly. 

- Keep an angry bull in your living room. If you think a bull goes crazy when he sees a little red cape, wait until he sees that big, red Santa suit! 

- Build an army of mean-looking snowmen on the roof, holding signs that say "We hate Christmas," and "Go away Santa" 

- Leave a note by the telephone, telling Santa that Mrs. Claus called and wanted to remind him to pick up some milk and a loaf of bread on his way home. 

- Set a bear trap at the bottom of the chimney. Wait for Santa to get caught in it, and then explain that you're sorry, but from a distance, he looked like a bear. 

- While he's in the house, find the sleigh and sit in it. As soon as he comes back and sees you, tell him that he shouldn't have missed that last payment, and take off.