Showing posts with label postponement of international flights is proof that the situation is serious. is. Show all posts
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closure of schools, cancellation of trains, postponement of international flights is proof that the situation is serious. is,

 देख रहे होंगे कि अचानक हर आदमी डॉक्टर हो गया है. 

सैकड़ों की संख्या में अफवाहें हैं, उन पर ध्यान न दें.
https://bit.ly/38RWXBt

सौ बात की एक बात ये है कि शासन कभी खुल के खतरे के बारे में नहीं कहती है ताकि जनता में हंगामा न मचे, पर स्कूलों का बंद होना, ट्रेनों का रद्द होना, अंतरराष्ट्रीय उडानों को स्थगित किया जाना प्रमाण है कि स्थिति गंभीर है,

तो अब बहुत हुआ हंसी मजाक या व्हाट्सएपिया ज्ञान...



अब थोड़ा गंभीर हो जाइये..
तुरंत सेनेटाइजर और हैंडवॉश खरीदें,
सेनेटाइजर जेब/पर्स में ले के चले और हैंडवॉश+एक बाल्टी पानी घर के दरवाजे पर रखें,
भीड़ वाली जगह जाने से बचें,
लोगों से थोड़ी दूरी बना कर बात करें और शारिरिक संपर्क न बनाए।

लहसुन, प्याज के चक्कर में न रहे, दुनिया के किसी देश के पास इसका इलाज नहीं है और कम से कम 6 माह तक होगा भी नहीं आपकी जागरूकता और सावधानी ही अभी एक मात्र उपाय है।

फॉरवर्ड करें न करें पर स्वंय पढ़ कर अपने विवेक का इस्तेमाल करें कि मैसेज अन्य ग्रुप में भेजना है 
या 
स्वयं पालन करना है या दोंनो।




It is a matter of hundred that the government never says about the danger of openness so that public outcry does not arise, but the closure of schools, cancellation of trains, postponement of international flights is proof that the situation is serious. is,

So now a lot of laughter jokes or whatsappia knowledge ...

Now get a bit serious ..

Buy instant sanitizer and handwash

Carry in a sanitary pocket/purse and keep handwash + a bucket of water at the door of the house

Avoid visiting crowded places,

Talk to people by keeping a distance and do not make physical contact.



Garlic, onion should not be affected, no country in the world has a cure for it and it will not be for at least 6 months. Your awareness and caution is the only solution right now.



Do not forward, but use your own discretion to read the message to another group

or


Whether to follow it yourself or both.

Italy reported its first two cases on 30 Jan. 
Total of ONLY 4 cases on 21 Feb. 
Total of 20 cases, on 22 Feb, the next day. 
23 Feb (79), 
24 Feb (>150),
25 Feb (322), 
26 Feb (400), 
27 Feb (655), 
28 Feb (888), 
01 Mar (1577), 
02 Mar (1835), 
03 Mar (2263), 
05 Mar (3858), 
06 Mar (4636), 
08 Mar (7375 - 366 deaths - Clampdown of northern Italy 16 million people), 
09 Mar (9172 - 463 deaths - Countrywide lockdown)
10 Mar (10149 - 631 deaths)
11 Mar (12462 - 827 deaths)
13 Mar (15000 -1400 deaths)
Look at this. From just 4 cases 25 days back..... 

One of the main reasons is said to be the delay in enforcing restrictions in Italy. After China, Now it is fully blown up epidemic in Italy & it is moving to other  European countries as declared by WHO. This is third stage in Italy & Europe & second stage in USA.

In India, we are passing through 1st stage and 2nd stage is very near. China has shown the way to the world. This epidemic is controlled by precautions as there is no medicine available. Next 30 days are very crucial. We must follow the precautions & remain home as much as possible. We can defeat the virus by taking precautions suggested by WHO & remaining at home.


मित्रो! आप देख रहे होंगे कि अचानक हर आदमी डॉक्टर हो गया है. 
सैकड़ों की संख्या में अफवाहें हैं, उन पर ध्यान न दें.




आपसे मेरी अपील है कि सोशल मीडिया के पोस्ट पढ़कर कोरोनावायरस की जानकारी न लें. विश्वसनीय मीडिया संस्थानों पर डॉक्टरों की राय मौजूद है. मेडिकल एसोसिएशन के सुझाव हैं, एम्स के डॉक्टरों के सुझाव हैं, स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी सुझाव हैं, उन पर गौर करें. 

गोमूत्र गैंग पर सिर्फ दया करें और उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए ईश्वर से प्रार्थना करें. जिस दौर में फलों, फूलों और जड़ी बूटियों के अर्क निकालकर दवाइयां बना ली जाती हैं, उस दौर में पखाना और मूत्र के सेवन की सलाह देना जड़ता का सूचक है. ऐसे लोगों पर ध्यान न दें. यह आपका शरीरधर्म है कि आप अपने शरीर को पखाना सड़ाने का टैंक न समझें.

मूत्र और पखाने में कोई औषधीय गुण होगा तो वैज्ञानिक लोग उसका इस्तेमाल साफ सुथरे चिकित्सकीय ढंग से कर लेंगे. ​किसी भी परेशानी की स्थिति में सिर्फ पेशेवर डॉक्टरों से सलाह लें. जो सोशल मीडिया पर गोमूत्र बांट रहे हैं, उन्हें स्वयं मूत्रपान करने दें.

अब तक भारत में कोरोनावायरस के कुल 96 केस कन्फर्म हुए हैं. इनमें से दस लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं. अब तक दो मौतें हुई हैं. बाकी का इलाज चल रहा है.

वैश्विक आंकड़ा देखें तो अब तक दुनिया भर में करीब 1 लाख 45 हजार संक्रमण के मामले पुष्ट हुए हैं. इनमें से फिलहाल करीब 70 हजार लोग संक्रमित हैं. दुनिया भर में अब तक करीब 5400 लोगों की मौत हो चुकी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, अब संक्रमित हुए लोगों में से 71 हजार लोग ठीक हो चुके हैं. 

चीन में नये मामले महज कुछ दर्जन में बचे हैं. लेकिन अब चीन के बाहर  कोरोना का कहर तेज हो गया है. अब साउथ कोरिया, इटली, ईरान, अमेरिका और स्पेन में बुरी स्थिति है. स्पेन में मात्र 24 घंटे में 1500 नये मामले सामने आए हैं. यह अब तक 123 देशों में फैल चुका है.


पूरी दुनिया में अब तक कोरोना के करीब 1 लाख 45 हजार मामले सामने आए हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, इनमें से 71 हजार लोग ठीक हो चुके हैं. इसलिए चिंता की जरूरत नहीं है. दहशत में आने की जगह बस सतर्क रहें.

उन सभी लोगों पर तत्काल प्रभाव से रासुका लगाकर तुरंत जेल में ठूंस देना चाहिये जो लोग डीजल पेट्रोल पर ₹3 एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने पर हाय तौबा मचा रहे हैं, और लोगों को बरगला रहे हैं।

ऐसे लोग दरअसल असली देशद्रोही हैं यह लोग देने पर नहीं सिर्फ लेने पर विश्वास करते हैं।

यह लोग देश की नहीं सिर्फ अपनी जेब की चिंता करते हैं। इन लोगों के लिए 2-3 रुपए देश से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं।

जो लोग देश के लिए 2-3 रुपए कुर्बान नहीं कर सकते जरूरत पड़ने पर वे अपनी जान क्या खाक कुर्बान करेंगे। स्याले पाकिस्तानी कहीं के!

कोई मुझे बताए कि अगर क्रूड आयल की कम कीमतों का लाभ जनता को दे दिया गया तो साहेब की 18-18 घंटे मेहनत से खाली हुए खजाने को थोड़ा बहुत भरने का दूसरा उपाय बचा ही क्या है??

देश हित में रिजर्व बैंक को तो पहले ही लूट चुके हैं, देश की तमाम समस्याओं की जड़ नेहरू जी द्वारा बनाई हुई एक एक निशानी मिटाने के लिए मुनाफे वाली कंपनियां बेचने का काम चालू ही है, 

लादेन के पोते और हिजबुल मुजाहिद्दीन के सैयद सलालुद्दीन के करीबी रिश्तेदार आतंकी ताहिर हुसैन ने जिन जिन ट्रेनों में यात्राएं की है और जिन जिन स्टेशनों पर वे गए हैं उन तमाम ट्रेनों और स्टेशनों को बेचने का काम भी शुरू है ही।

अब यही सब करके पैसे जुटाकर देश का विकास करने के लिए ही तो 18 -18 घंटे की मेहनत की जा रही है।

अब देश हित के लिए ऐसी कर्मठ सरकार डीजल पेट्रोल पर रुपए आठाने ज्यादा मुनाफा ले ले तो इन देशद्रोहियों के सीने में सांप लोटने लगता है। 

जबकि इसी देश में भक्तों की पूरी फौज ₹200 लीटर में भी डीजल पेट्रोल खरीदने के लिए तैयार है। लेकिन कुछ नालायक देशद्रोही सिर्फ ₹3 के लिए देश से गद्दारी करने के लिए तैयार बैठे हैं।

मेरी तो जलील-ए-इलाही से गुजारिश है कि इन देशद्रोहियो पाकिस्तानियों को ₹50 लीटर और देशभक्तों को ₹200 लीटर में पेट्रोल डीजल देने के अलग अलग इंतजाम किए जाएं। ताकि देशद्रोहियों और देशभक्तों की पुख्ता पहचान की जा सके।


🤣😂🤣

जिस देश में,

प्रधानमंत्री - #चाय_वाला हो
गृहमंत्री - #तड़ीपार हो
शिक्षा मंत्री - #अनपढ़ हो
मुख्यमंत्री - #खूनी हो
सांसद - #आतंकवादी हो
विधायक - #बलात्कारी हो
कार्यकर्ता - #दंगाई हो
VOTER - #अंधभक्त हो

उस देश में विकास की कामना करना मूर्खता

से कम नहीं l

वो खुद चीख चीख कर कह रहा था कि मैं चायवाला हूँ 

लेकिन Phd, IIT, MBA किये हुए पढ़े लिखे गधो से उसे PM बना दिया 

उसके बाद यही गधे उनसे अपेक्षा पाले हुए हैं कि वो भारत को विश्व गुरू बना देगा 

अरे गधों ऐसा होता है क्या? तुमलोगों की अक्ल भैंस चरने गई क्या?


सच स्वीकारो गधों


 मोदी सरकार को कोरोना का कोई अंदाजा भी नही है. भारत मे दवाइयों का संकट हो सकता है..सरकार दवाओं पर सेस लगाने के चक्कर मे है..तेल के बाद अब दवाओ की मूल्यवृद्धि*

- भारत के कुल दवा इम्पोर्ट का 70% चीन से आता है..क्योंकि चीन सबसे सस्ती दवा बनाता है..

- 58 अलग प्रकार की दवा चीन भेजता है भारत को

- चीन का वुहान दवा मैन्युफैक्चरिंग का मुख्य केंद्र है..कोरोना के कारण सारी फैक्ट्री बन्द है..

- भारत मे दवा का स्टॉक अप्रैल तक का है.. अप्रैल के बाद दवा का संकट बड़ा हो सकता है..

- 90% एंटीबायोटिक भी चीन से आता है..

- एंटीबायोटिक के अलावा विटामिन, स्टेरॉयड, पेनकिलर, एन्टी डायबिटीज, कार्डियोवैस्कुलर, हॉरमोन की लगभग 100% दवा चीन से ही आती है..

- भारत मे दवा इम्पोर्ट का मार्केट लगभग 400 करोड़ डॉलर का है..इसका 70% हिस्सा चीन से आता है


विश्व का कोई भी देश अपनी दवा दूसरे देश को बेचने तैयार नही है..मोदी  सरकार को मार्च तक कोई होश नही था..क्योंकि मोदी को नौटंकी से फुर्सत नही थी..आगे शायद गोबर, गोमूत्र से ही काम चलाना पड़े..