Praise Modi a Lot



#I do Praise Modi a Lot 
#मोदीकीतारीफ

https://goo.gl/fHVrYY

कुछ दोस्त कहते हैं कि क्या आप कभी मोदी जी की तारीफ नहीं कर सकते.. आखिर कुछ तो खूबी होगी प्रधानमंत्री में.. हैं क्यों नहीं खूबी, करोड़ों लोगों की एक कंटीन्यू चलते लाईव शो में 'बुद्धि' हर लेना क्या आप कोई साधारण खेल समझते हैं? आज मैं मोदी जी की तारीफ करने में कोई कोताही नहीं करूँगा। गौर से सुनिये..

वे रंगमंच के एक मंझे हुए कलाकार हैं। उनमें एक गजब की कला है.. सिरे से नाकाबिले यकीन झूठ बोल कर भी एक पढ़े लिखों की बड़ी भीड़ से उस झूठ पर भी यकीन करवा लेने की। वे लाखों की कीमत के कपड़े, घड़ी, पेन, फोन यूज करते, महंगी गाड़ियों से चलते, अडानी वाले जहाज में पक्षी की तरह नीलगगन में उड़ते फिरते एक ठाठबाट भरी शहाना जिंदगी जीते हुए भी पूरी गंभीरता से खुद को  'गरीब' कह लेते हैं और आप बजाय हंसने के तालियाँ बजा लेते हैं।

उन्होंने अपने जादुई शब्दों के सम्मोहन से इस देश के आम आदमी की बुद्धि को इतना 'जड़' कर दिया है.. कि चार साल पहले जरा जरा सी महंगाई पर जो लोग सड़कों पर उतर आते थे, वे अब दो सौ रुपये वाली दाल भी खुशी खुशी खरीद लेते हैं।

अपने शब्दों के चाबुक मार मार के लोगों की सहनशक्ति के पैमाने को इतना अनलिमिटेड कर दिया है कि पहले सत्तर रुपये पेट्रोल और चार सौ पैंतीस वाले गैस सिलेंडर पर भी हाय हाय करने वाले कितने सुकून से अस्सी रुपये में पेट्रोल और सवा पांच सौ में सिलेंडर खरीदते हैं और एक 'उफ' तक नहीं करते।

अपनी मनमोहक अदाओं से लोगों को इस कदर सम्मोहित कर दिया है कि पहले दस बीस सैनिकों की जान जाने पर लोग केन्द्र में बैठी सरकार को कमजोर मानने लगते थे लेकिन अब हर साल सैकड़ों सैनिकों की शहादत के बाद भी सरकार में अंबुजा सीमेंट वाली मजबूती नजर आती है।

यह इस महान शख्सियत की बातों का जादू ही तो है कि नोटबंदी से पैदा हुई अराजकता और अर्थव्यवस्था की डूबी लुटिया के चलते किसी और देश में ऐसा फैसला लेने वाले मुखिया को लोग सड़कों पर दौड़ा दौड़ा कर शायद मार तक डालते.. वहीं यहां पूरी श्रद्धा से एक सनक भरे फैसले को स्वीकार करके, पीठ पर कोड़े खाते हुए भी लोग इसमें मैग्नीफाईंग ग्लास ले कर देश का हित तलाशते रहे। इससे बड़ा शख्सियत परस्ती का उदाहरण इस दुनिया में और कहां मिलेगा।

यह जादू ही तो है कि राम मंदिर, 370 की समाप्ति और कामन सिविल कोड के नाम पर अपना अस्तित्व बनाने वाली पार्टी देश के बीस से ज्यादा सूबों में सरकार होते हुए, लोकसभा में प्रचंड बहुमत और राज्यसभा में सबसे बड़ा दल होते हुए भी तीनों मुद्दों पर कुछ उखाड़ नहीं पा रही, लेकिन मजाल है कि 'नमो-नमो' करते चिलगोजों के मुंह से एक शिकायती सुर भी निकल जाये।

यह सम्मोहन ही तो है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, अर्थव्यवस्था, कानून व्यवस्था.. लगभग हर फील्ड में महंगाई, निराशाजनक परफार्मेंस और दैनिक जीवन में हर मोर्चे पर परेशानियों से जूझने के बावजूद लोग उनसे उम्मीद बनाये रखे हैं कि 'अच्छे दिन आयेंगे।' 

बौद्धिकता और सहनशीलता के पैमाने पर भारतीयों को इतने गर्त में धकेल कर भी अपनी पोजीशन ठीक ठाक बनाये रखने का कारनामा भला इससे पहले कब किसी नेता ने किया था जो हम यह कह सकें कि नहीं.. वे ऐसे पहले जादुगर नहीं, इतिहास में और भी हुए हैं। कम से कम भारत में कोई नहीं हुआ.. इसलिये मोदी जी की तारीफ तो बनती ही है और मैं खुले मन से उनकी तारीफ कर रहा हूं।

अब मत कहना कि मैं मोदी जी की तारीफ नहीं करता।

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#ModiKatarif
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Some friends say that you can not ever praise Modi ji. After all, in the Prime Minister, you will not be able to praise anything. Why not excel, running a continent of millions of people, taking 'intellect' in live show? Understand? Today, I will not refrain from praising Modi. Listen carefully.

He is a well-known artist of theater. Among them is the art of a strange .. Even with a false belief, it is possible to make sure that even a large crowd of well-read writings make a lie on that lie. They carry millions of costumes, watches, pens, phones, walking through expensive trains, flying in an airplane vessel, flying in Nilgagan, while living in a chaotic family life, they even call themselves 'poor' And instead you laugh to laugh.

With the hypnotism of their magical words, they have so rooted the common man's wisdom in this country ... that people who used to come down on the streets for a little price just four years ago, Buy happiness.

The stamina of the people who have stabbed your words so much has been unlimited so that the first seventy rupees gasoline gasoline and gas cylinders with four hundred thirty rupees, how much comforters buy petrol and fifty five cylinders in eighty rupees And do not do an 'up'.

He has hypnotized people with his lovely actions that after the death of the first ten twenty soldiers, the people sitting in the center used to think we were weak but now every year hundreds of soldiers have seen the strength of Ambuja cement in the government. is.

It is only the magic of this great personality that because of the chaos and economy of the ban on the economy, due to the looting of the people who took such a decision in any other country, people could run to the streets and run to the ground. By accepting a whimsical decision, while eating the whip on the back, people continued to find the interest of the country by taking magnificent glass in it. From this there will be another example of great personality and where else in this world.

It is only the magic that the party, which has its existence in the name of the Ram Temple, the end of 370 and the Kaman Civil Code, being the government in more than twenty states of the country, the vast majority in the Lok Sabha and the three largest issues in the Rajya Sabha But some are not able to uproot, but it is a joke that a complaint from the mouth of the chilgoos, which is 'Namo Namo', also comes out.

It is hypnosis that despite education, health, transport, economy, law and order .. In almost every field, despite the problems of inflation, disappointing performance and every front of daily life, people have kept their hopes that 'good days will come.' '

Even after pushing Indians into such a level on the scale of intellectual and tolerance, the reason for maintaining their position is good even before when a leader did what we can say it is not. They are not the first jadugars, even in history. 

Has happened. 

At least no one in India has come .. 

Therefore, Modi is praised and I am openly praising him.











Now do not say that I do not praise Modi.




#I do Praise Modi a Lot 
#मोदीकीतारीफ

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कुछ दोस्त कहते हैं कि क्या आप कभी मोदी जी की तारीफ नहीं कर सकते.. आखिर कुछ तो खूबी होगी प्रधानमंत्री में.. हैं क्यों नहीं खूबी, करोड़ों लोगों की एक कंटीन्यू चलते लाईव शो में 'बुद्धि' हर लेना क्या आप कोई साधारण खेल समझते हैं? आज मैं मोदी जी की तारीफ करने में कोई कोताही नहीं करूँगा। गौर से सुनिये..

वे रंगमंच के एक मंझे हुए कलाकार हैं। उनमें एक गजब की कला है.. सिरे से नाकाबिले यकीन झूठ बोल कर भी एक पढ़े लिखों की बड़ी भीड़ से उस झूठ पर भी यकीन करवा लेने की। वे लाखों की कीमत के कपड़े, घड़ी, पेन, फोन यूज करते, महंगी गाड़ियों से चलते, अडानी वाले जहाज में पक्षी की तरह नीलगगन में उड़ते फिरते एक ठाठबाट भरी शहाना जिंदगी जीते हुए भी पूरी गंभीरता से खुद को  'गरीब' कह लेते हैं और आप बजाय हंसने के तालियाँ बजा लेते हैं।

उन्होंने अपने जादुई शब्दों के सम्मोहन से इस देश के आम आदमी की बुद्धि को इतना 'जड़' कर दिया है.. कि चार साल पहले जरा जरा सी महंगाई पर जो लोग सड़कों पर उतर आते थे, वे अब दो सौ रुपये वाली दाल भी खुशी खुशी खरीद लेते हैं।

अपने शब्दों के चाबुक मार मार के लोगों की सहनशक्ति के पैमाने को इतना अनलिमिटेड कर दिया है कि पहले सत्तर रुपये पेट्रोल और चार सौ पैंतीस वाले गैस सिलेंडर पर भी हाय हाय करने वाले कितने सुकून से अस्सी रुपये में पेट्रोल और सवा पांच सौ में सिलेंडर खरीदते हैं और एक 'उफ' तक नहीं करते।

अपनी मनमोहक अदाओं से लोगों को इस कदर सम्मोहित कर दिया है कि पहले दस बीस सैनिकों की जान जाने पर लोग केन्द्र में बैठी सरकार को कमजोर मानने लगते थे लेकिन अब हर साल सैकड़ों सैनिकों की शहादत के बाद भी सरकार में अंबुजा सीमेंट वाली मजबूती नजर आती है।

यह इस महान शख्सियत की बातों का जादू ही तो है कि नोटबंदी से पैदा हुई अराजकता और अर्थव्यवस्था की डूबी लुटिया के चलते किसी और देश में ऐसा फैसला लेने वाले मुखिया को लोग सड़कों पर दौड़ा दौड़ा कर शायद मार तक डालते.. वहीं यहां पूरी श्रद्धा से एक सनक भरे फैसले को स्वीकार करके, पीठ पर कोड़े खाते हुए भी लोग इसमें मैग्नीफाईंग ग्लास ले कर देश का हित तलाशते रहे। इससे बड़ा शख्सियत परस्ती का उदाहरण इस दुनिया में और कहां मिलेगा।

यह जादू ही तो है कि राम मंदिर, 370 की समाप्ति और कामन सिविल कोड के नाम पर अपना अस्तित्व बनाने वाली पार्टी देश के बीस से ज्यादा सूबों में सरकार होते हुए, लोकसभा में प्रचंड बहुमत और राज्यसभा में सबसे बड़ा दल होते हुए भी तीनों मुद्दों पर कुछ उखाड़ नहीं पा रही, लेकिन मजाल है कि 'नमो-नमो' करते चिलगोजों के मुंह से एक शिकायती सुर भी निकल जाये।

यह सम्मोहन ही तो है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, अर्थव्यवस्था, कानून व्यवस्था.. लगभग हर फील्ड में महंगाई, निराशाजनक परफार्मेंस और दैनिक जीवन में हर मोर्चे पर परेशानियों से जूझने के बावजूद लोग उनसे उम्मीद बनाये रखे हैं कि 'अच्छे दिन आयेंगे।' 

बौद्धिकता और सहनशीलता के पैमाने पर भारतीयों को इतने गर्त में धकेल कर भी अपनी पोजीशन ठीक ठाक बनाये रखने का कारनामा भला इससे पहले कब किसी नेता ने किया था जो हम यह कह सकें कि नहीं.. वे ऐसे पहले जादुगर नहीं, इतिहास में और भी हुए हैं। कम से कम भारत में कोई नहीं हुआ.. इसलिये मोदी जी की तारीफ तो बनती ही है और मैं खुले मन से उनकी तारीफ कर रहा हूं।

अब मत कहना कि मैं मोदी जी की तारीफ नहीं करता।

https://goo.gl/fHVrYY



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